जो साधक इष्ट देव की सिद्धि करना चाहते हे उस साधक के लिए ये साधना फलीभूत हो सकती हे,आप कितनी भी शक्ति की साधना कर लो पर इष्ट देव की सिद्धि के बिना आप पूर्ण साधक नहीं बन सकते, आपका कोई भी कार्य रुका हुआ हो और आप अपने कुलदेवता को वो काम बताएँगे तो वो चुटकी में आपका काम कर देंगे क्योकि कुलदेवता कुल के लिए ही होते हे,ईष्ट प्राप्ति के लिए आप हमारी दी गई विधि विधान से साधना करोगे तो आपके इष्ट देव तुरंत प्रसन्न हो जायेंगे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे ईष्ट प्राप्ति के लिए इस मंत्र की साधना कैसे करे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ईष्ट की नदी नीर प्रवाह चले
जग चले और ज्योत जले
प्रवाह चले ईष्ट का कुटुम्भ में ज्योत जले
ईष्ट का नाम प्रथम ले द्वितीया गणेश ज्योत जले
ईष्ट जग जोत है हर घर में जले
ईष्ट का पूजन करो यह शिव की वाणी
ईष्ट धर्म की ज्योत है जग ने पहचानी
सुखी रहे ईष्ट देव मानी
जय जय इष्ट देव
जय जय शिव लोक
इति सिद्धम्
मंत्र को सिद्ध करने का विधान
साधक ये साधना मंगलवार या रविवार से प्रारम्भ करे ये साधना ४५ दिन की साधना हे,साधना के लिए आप एकांत कमरे का चुनाव करे जिस कमरे में किसीका आनाजाना नहीं होना चाहिए,आप अपने इष्ट देव की प्रतिमा एक बाजोठ पर स्थापित करे, गणेशजी का विधिवत पूजन करे और महादेव की एक माला करे,मन में दृढ संकल्प लेकर आप रुद्राक्ष की माला से मंत्रजाप शुरू करे,साधना के दरमियान ब्रह्मचर्य का पालन करे,पूरी श्रद्धा और विस्वास से साधना करोगे तो आपको जरुर सफलता मिलेगी,
इस तरह आप ईष्ट प्राप्ति के लिए ये साधना करके अपने इष्ट देव को प्रसन्न कर सकते हो उसे सिद्ध कर सकते हो.
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