करवा चौथ एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारतीय महिलाओं द्वारा बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह व्रत पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए पत्नी द्वारा रखा जाता है। यह त्योहार चौथा तिथि (चार्थी तिथि) को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, जो वृक्ष ऋतु के बाद शुरू होने वाला पहला मास होता है।

करवा चौथ व्रत में महिलाएं सूखे बिन्दी, मीठे और नमकीन पकवान, मीठाई, फल, नरियल पानी, सिंदूर, काजल, सुहाग के चांदी की चूड़ियाँ, पूजा सामग्री और एक करवा बट्टी (व्रत के दौरान पानी पीने के लिए उपयोग होने वाला पात्र) को इकट्ठा करती हैं। व्रत के दौरान, महिलाएं सवर्ण और सोने के आभूषण पहनती हैं और पतिव्रता कथा का पाठ करती हैं। सूर्यास्त के बाद, चांद को देखकर और पति के दिशा में अर्घ्य देकर व्रत को तोड़ती हैं।

करवा चौथ व्रत के कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:

करवा चौथ

पति-पत्नी के बीच बंधन को मजबूत करता है:

करवा चौथ व्रत पति-पत्नी के बीच प्यार और संबंध को मजबूत करने में मदद करता है। यह व्रत पत्नी के प्रेम और पति की दीर्घायु की कामना को प्रकट करता है।

संयम और त्याग का प्रतीक:

यह व्रत महिलाओं को संयम, त्याग, धैर्य और सहनशीलता की महत्वपूर्ण शिक्षा देता है। व्रत के दौरान उन्हें भूख, प्यास और मनोरोगों के प्रति संयम बनाए रखना पड़ता है।

 मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लाभ:

यह व्रत महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। उन्हें नियमित रूप से नियमित और पौष्टिक आहार लेने की आदत डालने के लिए प्रेरित करता है।

सामाजिक महत्व:

करवा चौथ व्रत भारतीय महिलाओं के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करने का एक माध्यम है। महिलाएं इस अवसर पर मिलती हैं, एक-दूसरे के साथ पूजा करती हैं और एक दूसरे के साथ अनुभवों को साझा करती हैं।

आध्यात्मिक आंतरिक विकास:

यह व्रत महिलाओं के आंतरिक विकास और स्प्रिचुअलिटी को बढ़ाने में मदद करता है। उन्हें ध्यान, प्रार्थना और मन की शांति के लिए समय देने का अवसर मिलता है।

मंत्र

पार्वती का आया त्यौहार

जिसमें बरसे सोने चाँदी के हार

हर नारी पहने पहने पति व्रता नार

पार्वती ओढ़े पीला चीरन हार

शिव के चरणों में बैठी पार्वती

शिव ने दिया आशीर्वाद जगत हुआ पार

कर

नर ने नारी से जब मांगा आशीर्वाद

शिव ने वरदान दिया फूलवार

जगत में जो पतिव्रता नारी हो

शिव पार्वती की तरह सदा सुहागन हो

करवा चौथ जो पूजे शिव पार्वती दे वरदान

पति पत्नी का जोड़ा सदा बना रहे

सदा सुहागन

इति सिद्धम्!!

विधि विधान

जो नारी इस मन्त्र को करवा चौथ को करेगी वह सदा सुहागन रहेगी और इस मन्त्र को हर चौथ को जो करेगी उसके पति कभी भी शरीर में दुखी नहीं रहेगा।

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