घर में सुख शांति स्थापित करने के लिए गंगा गायत्री मंत्र का जाप किया जाता हे,जिस घर में कलेश रहेता हो जगड़े बहुत होते हो,पति पत्नी के बिच अनबन रहेते हो तो उस समय में गंगा गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए,
गंगा मैया को प्रसन्न करने के लिए भी आप इस मंत्र का जाप कर सकते हो,गंगा गायत्री मंत्र का जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हे, में आप सब साधक मित्रो के लिए बहुत ही प्राचीन और दुर्लभ शाबर मंत्र लेकर आया हु जिसकी सिद्धि हासिल करके आप माता गंगाजी को प्रसन्न कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे गंगा गायत्री मंत्र को कैसे सिद्ध करते हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
गंगाजी यमुनाजी मन्त्र
मंत्र
भारमणी गंगोत्री यमनोत्री नमायः नमः
चरण पधारविन्दम् विराजेः
प्रभु यशस्वी जडस्वी नमः
पूर्वी अस्ती यशस्वी नमः
जगतम् मुखारविन्दम् नमः नमः
जल तत्व
प्रासत्यथ्य-परिमुर्णाविजम् आव्यागतियमः प्रासत्यथ्य ज्यातेज्यां
प्राकिर्णीयर्म–शकुन्तलम् महाभावियम् सफलामात्रिजम्
प्राकिर्णीविजम् मिपाक्षाणुयमः प्रामार्तिमम् अभ्याक्तानुजम्
युगला मातिकिकम्–पिरूपक्षाविजम् मान्यामिक्ताजम् सास्वतम्
प्रमणम् शरिरम् विचरणम् त्वाक्याक्षम्
भ्रमेणियम् पाँचवी क्रियाणजम्
प्राषमिणिजम्–आषुकुलम् भ्रामातिवियमः आधारशियम्
मुखणम् ज्योतिजम् निर्भिक्तावियम्
दुषणम् प्रायातिवियमः
मुक्ताहवीजम–प्रामर्णिथमः आपाराधियम् साशक्तिवियम्
मार्घाविव्युणम् मुक्तिमिषम् शरीरम् प्राथकमः
मंत्र
श्री गंगा माता
भवः जगति उच्चारिणी
पूष्पम् अर्पितम वैभवतारिणी
भया जगत शान्ति विचरणी
शिव शंकरम् जटाजूट जटाजूट विराजिणी,
सभ्य जगत पूर्वजा उध्धारिणी,
जय गंगा माई
शंकरचारिणी
इति सिद्धम्!!
विधि विधान
इस मंत्र को स्वच्छ और स्नानादिक होकर नित्य ब्रह्म्मुर्हुत में ५१ बार जपने से घर में शांति का स्थापन होता हे और माँ गंगा मैया के आशीर्वाद भक्त पर बने रहेते हे,
श्री गंगा जी धाम
मंत्र
गंगा जी मेरी राखो आन
भगत की राखो लाज
करो सत्य गाई पूर्णमासी आई
गाई गई धर्म की अग्न
परमेश्वर ने किया विश्राम
शिव आये गंगा धाम
भगीरथ की राखी तप की लाज पूर्वजों की आन
सतयुग से द्वापर तक आई आन
त्रेता से कलयुग किया विधान
परम गति हुई पांडवों की
चले स्वर्ग पांडव धर्म की राही
पहले ही मिली कुन्ती माई
जब चले पाँचों भाई
गंगा जी ने कि अगुआई
जब चले धर्म के भाई
गंगा जी सतयुग से कलयुग तक आई
जय जय गंगा माई!!
घी के चिराग जलाकर गंगाजल रखकर इस मन्त्र को बोलना है घर में गंगाजल का छींटा लगाना है। इससे शान्ति स्थापित होगी।
इस तरह गंगा गायत्री मंत्र का जाप करके साधक गंगाजी के आशीर्वाद प्राप्त कर सकता हे.
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