ये मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र हे पीर बाबा की सिद्धि से साधक पीर बाबा के दर्शन भी कर सकता हे पर इस साधना में आपको पूर्ण रूप से स्वच्छता का ध्यान रखना पड़ेगा कोई भी पीर की साधना में स्वच्छता का ध्यान रखना अति आवश्यक हे,
अगर आप एक महीने तक ब्रह्मचर्य का पालन करने में सक्षम हे तो ही इस साधना करे वरना ये साधना ना करे,अगर साधना खंडित हो गई तो उल्टा साधक को भुगतना पड़ता हे इसलिए ये साधना करे तो सोच समज के ही करे,
पीर बाबा की सिद्धि से साधक हर कोई कार्य आसानी से कर सकता हे,तंत्र काट कर सकता हे मोहिनी,वशीकरण जैसे कार्य भी आसानी से कर सकता हे,जिन्न जिन्नात,खविस,भुत-प्रेत, डाकिनी, शाकिनी को आसानी से निकाल सकता हे,इस मंत्र का उपयोग आपको गलत काम में नहीं करना हे अगर गलत प्रयोग में इसका इस्तेमाल करोगे तो आपकी साधना निष्फल हो जाएगी.
मंत्र
बिस्मिल्लाह रहेमान रहीम,
साह चक्र ती बावड़ी, गले मोतियन का हार
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई
जहां फिरे मोहम्मदा पीर की दुहाई
कौन पीर आगे चले, सुलेमान वीर चले
नादिरशाह वीर चले, मुट्ठी पीर चले
नहीं चले तो हजरत सुलेमान की दुहाई
शब्द सांचा पिण्ड काचा
चलो मंत्र ईश्वरो वाचा।
साधना करने का विधि विधान
इस मंत्र को बृहस्पतिवार (गुरुवार) के दिन से रात्रि के समय बबूल के वृक्ष के नीचे पश्चिमाभिमुख बैठकर इस भांति जपें कि तीस दिन में मंत्र का जप एक लाख की संख्या में पूरा हो जाए। मंत्र जप के काल में या जप की पूर्णता पर मुट्ठी में नामक पीर हाजिर हो जाएगा। तब भयभीत न हों और उन्हें खील बताशे अर्पण कर प्रसन्न करें। अब किसी भी प्रयोग के समय मंत्र का पांच बार जप करें और अपना अभीष्ट कहें, पीर की कृपा से आपका हर कार्य पूरा होगा।
इस तरह साधक पीर बाबा की सिद्धि से कोई भी तांत्रिक क्रिया कर सकता हे,जिन्न,जिन्नात और खविश को चुटकी में बाँध सकता हे.
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