भैरव साधना और सिद्धि : भैरव की सिद्धि कैसे की जाती हे?

भैरव एक ऐसी शक्ति हे जो बहुत ही खतरनाक और ताकतवर हे भैरव को सिद्ध करना कोई आसान काम नहीं हे अगर पुरे विस्वास और श्रद्धा के साथ साधना करोगे तो ही भैरव सिद्ध हो सकता हे,साधना के साथ साथ उसकी सेवा और पूजापाठ का भी ध्यान रखना पड़ता हे,आजकल लोग वशीकरण,मोहिनी और काला जादू के पीछे भागते हे पर आपको कही जाने की जरुरत नहीं हे भैरव साधना और सिद्धि कर लो आपका हर कार्य आसान हो जायेगा,

भैरव के भी कई रूप होते हे और उसकी साधना भी अलग अलग तरीके से की जाती हे,भैरव की साधना करने से आपको हर तांत्रिक क्रिया सिद्ध हो जाती हे आपको अगर दसमहाविधा सिद्ध करनी हे तो पहले आपको भैरव की सिद्धि करनी पड़ेगी बाद में आप कोई भी साधना कर सकते हो,दसमहाविधा की हर एक शक्ति के साथ भैरव चलता हे कोई भी तांत्रिक हो कोई भी अघोरी हो उसके पास भैरव होता हे भैरव के बल से ही वो सब कुछ करता हे,

तो चलिए विस्तार से जानते हे भैरव साधना और सिद्धि कैसे होती हे और भैरव को कैसे चलाया जाता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,

भैरव साधना और सिद्धि

मंत्र

भैरो चले उज्जान चाकरी

गौरक्ष मिले मूल आखरी

हुआ मिलन जब गौरक्ष ने सुध ली सारी

गोरक्ष के बने शिष्य ब्रह्मचारी

भैरो जी ने दिया वचन बहुत भारी

जा गोरक्ष जगत में कर दे वाह वाह न्यारी

कल्याण कर दें नर नारी

भैरो का दिया वचन पूर्ण हुआ

गौरक्ष जी ने सम्पूर्ण किया

जय जय गोरक्ष की आन

भैरो जी की शान

जय जय भैरो जी की

इति सिद्धम्

मंत्र को सिद्ध करने का विधान 

इस मन्त्र को शनिवार के दिन गुल्लर के पेड़ से डाली  तोड़कर उसे सरसों के तेल में भिगो लो 5 शनिवार उस डाली डड्डे को  तेल के चिराग जलाकर 108 बार सिद्ध करें गुरु धारण किया हुआ  मनुष्य इस मन्त्र को सिद्ध कर सकता है।अगर आपके पास कोई गुरु नहीं हे और गुरुदक्षिणा नहीं ली हे तो आपको ४१ दिन तक काली हकिक की माला से उपर्युक्त भैरव साधना और सिद्धि मंत्र रात १ बजे एक माला करनी पड़ेगी, साधना के दरमियान स्वछता का ध्यान रखे और काले कुत्ते को हररोज एक रोटी खिलाये, अपने इष्ट देव से अनुमति लेकर साधना का प्रारम्भ कर सकते हे,

भैरव की साधना में आपको उपासक बनना पड़ेगा उसकी सेवा और पूजापाठ करना पड़ेगा साधना भी बिना खंडित करनी पड़ेगी तब जाके भैरव सिद्ध होगा,जब तक भैरव सिद्ध ना हो कोई अनुभव ना हो तब तक साधना शुरू रखे,जो साधक ये सोचते हे की ३-४ दिन में साधना सिद्ध हो जाएगी तो उस साधक के लिए भैरव साधना कोई काम की नहीं हे वो ना करे साधना जो भैरव के उपासक बन जायेंगे तब जाके भैरव सिद्ध होगा और एकबार सिद्ध हो गया तो समजो आपका काम हो गया हर तांत्रिक क्रिया आपके लिए आसांन हो जाएगी,

इस तरह साधक भैरव साधना और सिद्धि करके भैरव को चलाव कर सकता हे उससे हर कार्य करवा सकता हे,षट कर्म आसानी से कर सकता हे.

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