माता लक्ष्मी विष्णु भगवान पत्नी हे और धन और वैभव की देवी मानी जाती हे,महालक्ष्मी यक्षिणी साधना मंत्र की सिद्धि से साधक के जीवन में कभी धन और सम्पत्ति की कभी भी कमी नहीं रहती,जब लक्ष्मीजी प्रसन्न हो जाये तब उसका आदर करना चाहिए क्योकि लक्ष्मी जी बहुत ही चंचल हे,
ये साधना सात्विक साधना हे और गृहस्थी के लिए हे ये कोई बड़ी तांत्रिक साधना नहीं हे इस साधना को हर कोई आसानी से कर सकता हे,
तो चलिए विस्तार से जानते हे महालक्ष्मी यक्षिणी साधना मंत्र कैसे सिद्ध करते हे और उसका विधी विधान क्या हे,
मंत्र
ॐ श्रिंग हरिंग क्लिं कम्लात्मिके स्वाहा!!
विधि
ये साधना साधक दिवाली की रात्री को कर सकता हे और इस साधना को गुप्त रखना हे,दिवाली की सुबह से ही स्वच्छ और स्नानादिक होकर एक बाजोथ पर लाल कपडा बिछा दे और उस पर माता महा लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करे साथ लक्ष्मी यन्त्र भी रखे,
लक्ष्मी यन्त्र को पंचोपचार से पूजन करे, माता लक्ष्मी की स्तुति और आराधना सुबह से ही शुरू कर दे पर मंत्रजाप साधक को रात में करना हे पुरे दिन माता लक्ष्मी की सेवा पूजापाठ करे,
फिर रात १० बजे पीले रंग के वस्त्र धारण करे और लाल रंग के आसन पर बैठ जाये, साधक का मुख उत्तर दिशा की तरफ रहेगा फिर कमलगट्टे की या रुद्राक्ष की माला से ५१ माला मंत्रजाप करे,साधना से पूर्व साधक गणेशजी और अपने गुरु का संक्षिप्त पूजन भी कर सकता हे फिर जाके साधना शुरू कर सकता हे,पुरे भाव और श्रद्धा से साधना करोगे तो साधक को अवश्य सफलता मिलेगी और माता लक्ष्मी साधक की मनोकामना पूर्ण करेगी,
इस तरह साधक महालक्ष्मी यक्षिणी साधना मंत्र को सिद्ध करके अपनी मनोकामना को पूर्ण कर सकता हे,अपने घर से धन की समस्या दूर हो जाएगी पर साधक को माता लक्ष्मी का आदर करना पड़ेगा और ये साधना गुप्त हे इसलिए इस साधना को गुप्त ही रखना पड़ेगा.
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