कोई भी साधना करनी हो चाहे सात्विक साधना हो या तामसिक साधना हो आपको सुरक्षा घेरा यानि की रक्षा मंत्र से घेरा लगाना जरुरी होता हे,सात्विक साधना में आपको बहुत परेशानी नहीं होती पर तामसिक क्रिया हो या साधना हो तो उसमे आपको बहुत सारे अनुभव हो सकते हे,कभी कभी तो ऐसा होता हे की साधक साधना छोड़कर भाग जाता हे ऐसे खतरनाक अनुभव होते हे,साधना के समय बुरी शक्ति या जिस भी देव देवी की साधना करते हे उसका वीर आकर साधना खंडित करने की कोशिश करता हे तब आपको रक्षा प्राप्ति के लिए रक्षा मंत्र से घेरा लगाना चाहिए,
स्मशानिक क्रिया में या काला जादू में रक्षा मंत्र की जरुरत पड़ती हे जो भी साधक बिना गुरु के साधना कर रहे या किसी का मार्गदर्शन लेकर साधना कर रहे हे उसको रक्षा मंत्र का घेरा अवश्य लगाना चाहिए,
मन्त्र
राम कुण्डली, ब्रह्मचाक । तेतिस कोटि देवा देवी ॥
अमुक की बेड़ियाँ। अमुकेर अंकेर ॥
बाण काटम् । शर काटम् ॥
कुज्ञान काटम् कारवणे काटे ॥
राजा रामचन्द्रेर। बाणे काटे ॥
कार आज्ञे। ऐई झण्डी ॥
अमुकेर अंगे। शीघ्र लागगे ॥
विधि:
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए ११ दिन तक लगातार सुबह और शाम १ माला करे गूगल लोबान की धुनी करे और ११ दिन तक एक समय भोजन करे मंत्र सिद्ध हो जायेगा,मंत्र सिद्ध हो जाये तब फिर उच्चारण करके अपने चारों तरफ रेखा खींचने से समस्त प्रकार की व्याधियों से भय नहीं लगता है।
ताली द्वारा रक्षा के लिए मन्त्र
मंत्र
ॐ काली काली महाकाली इन्द्र की बेटी ॥
ब्रह्मा की साली। उड़ बैठी पीपल की डाली ॥
दोनों हाथ बजावै ताली। जहाँ जाये वज्र की ताली ॥
वहाँ न आवे दुश्मन हाली।
दुहाई कामरू कामक्षा नैना योगिनी की ॥
ईश्वर महादेव। गौरा पार्वती की ॥
दुहाई वीर मसान की ॥
मंत्र को सिद्ध करने का विधान
उपर्युक्त मंत्र महाकाली का प्रचंड रक्षा मंत्र हे साधना में आनेवाली हर बाधा को दूर कर सकता हे, उपर्युक्त मंत्र को सिद्ध करने के लिए साधना २१ दिन तक करे ब्रह्मुर्हुत में १ माला करे और सामने तेल का दिपक प्रज्वलित करे २१ दिन तक साधना करने से मंत्र सिद्ध हो जायेगा,जब भी आप कोई साधना कर रहे हो तो उपर्युक्त मंत्र को ७ बार पढके ताली बजाये साधना में आनेवाली हर बाधा नष्ट हो जाएगी,
इस तरह आप रक्षा प्राप्ति के लिए उपर्युक्त मंत्र का प्रयोग कर सकते हो.
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