इस मंत्र की सिद्धि से और इस मंत्र के जाप से साधक को हर एक रोग से मुक्ति मिल सकती हे, कैसी भी असाधारण बीमारी हो इस मंत्र से उसे ठीक किया जाता हे,जो बीमार लोग अस्पताल में जा जाकर थक चुके हे वो लोग इस मंत्र का जाप और सिद्धि करके लाभ प्राप्त कर सकते हे,सर्व रोगादि दोष दूर करने का मंत्र स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र हे इसके जाप शुरू करते ही वो शरीर में असर दिखाना शुरू कर देता हे,
हमारे दिए गई मंत्र से और इसकी सिद्धि करके आप खुद का और औरो का भी रोग ठीक कर सकते हो,तो चलिए विस्तार से जानते हे सर्व रोगादि दोष दूर करने का मंत्र कैसे सिद्ध किया जाता हे और इसका प्रयोग कैसे किया जाता हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे,
मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु को ।
गिरह बाज नटनी का जाया ॥
चलती बेर कबूतर खाया।
पीवै दारू, खायजु मांस ॥
रोग दोष को लावै फांस।
कहाँ-कहाँ से लावेगा ॥
गुदा मे सुं लावेगा।
नौ नाड़ी ॥ बहत्तर कोड़ा।
सुं लावेगा ॥
मार-मार । बन्दी कर-कर लावेगा ॥
ना लावेगा तो अपनी माता की शैय्या ॥
पर पाँव धरेगा। मेरा भाई ॥
मेरा देखा। दिखलाया तो ॥
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति ॥
फुरे मन्त्र ईश्वरोवाचा ॥
विधि :
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए ११ दिन तक साधना करनी पड़ेगी,मंगलवार से साधना का प्रारम्भ कर सकते हे,गौ के उपले पर गूगल की धुनी करे और रुद्राक्ष की माला से उपर्युक्त मंत्र की एक माला करे,साधना से पूर्व गणेश पूजन और शिव पूजन करे और साधना में सफलता मिले ऐसी प्रार्थना करे,ये विधि आपको लगातार ११ दिन तक करनी हे मंत्र सिद्ध हो जायेगा और जागृत हो जायेगा,
इस मन्त्र को सिद्ध करके जाप करते हुये रोगी व्यक्ति का झाड़ा करें तो रोगी के सभी रोग समाप्त हो जाते हैं।
सर्व रोग शांति के लिए सिद्ध मन्त्र
मंत्र
पर्वत । पर्वत ऊपर
पर्वत ऊपर स्फटिक शिला।
स्फटिक शिला पर अंजनी ।
जाया हनुमन्त । टेहला।
कखराई। आदटी। जिन नेहला काँख की
पीछे कान की कनफेट राल की।
बद कण्ठ की कण्ठमाला।
का डहरू । घुटने डाढ़ की डाढ़शूल।
पेट की ताप तिल्ली किया।
इतने को दूर भस्मंत करे।
न करे तो तुझे माता अंजनी ।
का दूध पिया हराम।
मेरी भक्ति। गुरु की शक्ति ।
फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।
सत्य नाम आदेश गुरु का ॥
विधि :
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए अमावस्या की रात्री के दिन रात १० बजे से मंत्र जाप शुरू करे और सुबह ४ बजे तक एक ही बैठक में जितना हो सके इतना जाप करे मंत्र सिद्ध हो जायेगा,
इस मन्त्र का प्रयोग ब्रह्मचारी ही करे। इस मन्त्र का जाप करते हुए झाड़ा करने से समस्त रोग शान्त हो जाते हैं।
इस तरह आप सर्व रोगादि दोष दूर करने का मंत्र सिद्ध करके सब रोग को मिटा सकते हो.
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