हनुमान वीर स्त्रोतम ऐसा शक्तिशाली स्त्रोत हे की इसकी सिद्धि से साधक भुत प्रेत,ब्रह्म राक्षस,डाकिनी शाकिनी,सब प्रेत आत्माओ को आसानी से बाँध सकता हे,ये स्त्रोत वशीकरण मोहिनी जेसा भी कार्य आसानी से कर सकता हे पर इस स्त्रोत को सिद्ध करना आसान नहीं हे इसको सिद्ध करने के लिए कुछ खास निति नियम का ध्यान रखना जरुरी हे,
इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे की हनुमानजी का स्त्रोत कैसे सिद्ध होता हे और इस स्त्रोत का उपयोग कैसे करना हे वो सब जानकारी इस पोस्ट में हमने विस्तार से बताई हे.
मंत्र
ॐ नमो भगवते विचित्र वीर हनुमते पलय कालानल उभापज्वलनाया एताप बज देहाय । अंजनी गर्भ संभूताय । प्रकार विक्रमवीर दैत्य दानव यक्ष रक्षा गण ग्रह बन्धनाय । भूतग्रह बन्धनाय । पेत वाह बन्धनाय । पिशाच ग्रह बन्धनाय। शाकिनी डाकिनी वाह बन्धनाय । काकिनी कामिनी ग्रह बन्धनाय । बहा बाह बन्धनाय । बहाराक्षस ग्रह बन्धनाय । चोर ग्रह बन्धनाय । मारी वाह बन्धनाय । ऐहि ऐहि आगच्छा आवेशय आवेशय मम हुल्ये एवेशय-पवेशय । स्कुर स्फुर पस्कुर पस्फुर सत्यं कथय व्याध मुख बन्धन । सर्प मुख बन्धन । राज मुख बन्धन | नारी मुख बन्धन, समा मुख बन्धन, शत्रु मुख बन्धन सर्व मुख बन्धन | लंका प्रसाद भंजनं अमुकं मे वशमानय क्ली क्ली उली ही श्री श्री राजानाम् वशमानय श्री ही क्ली स्त्रीणां आकर्षय- आकर्षय, मम शत्रुन, मर्दय-मर्दय, मारय-मास्य, चूर्णय-चूर्णय. खे रखे श्री रामचन्दाझया मम कार्याणां सिद्धिं कुरु कुरु ॐ हां हूं ही हूँ ह्रौं हूं फट् स्वाहा ।II
स्त्रोत सिद्ध करने की विधि
इस स्त्रोत को सिद्ध करने के लिए साधना शानिवार या मंगलवार से शुरू करे,हनुमानजी के मंदिर में जाकर हनुमानजी को चोला चढ़ाये और ५ चमेली के फुल अर्पित करे,उपर्युक्त स्त्रोत २१ बार लाल चन्दन की माला से जाप करे ये साधना लगातार ४१ दिन तक करे,साधना के आखरी दिन हनुमानजी को लाल लंगोट अर्पित करे और नैवेध में दूध से बनी कोई भी चीज़ अर्पित करे,
४१ दिन साधना करने से हनुमान वीर स्त्रोतम सिद्ध हो जायेगा और खास ये ध्यान रखे की साधना के दरमियाँन ब्रह्मचर्य का पालन करे अगर ब्रह्मचर्य टूट गया तो समजो की साधना निष्फल हो गई और उल्टा साधक को नुकसान होगा.
यह भी पढ़े