बारिश एक कुदरती प्रक्रिया हे वो सब कुदरत पर हे और उसको बंध करने के लिए या रोकने के लिए आपको तामसिक क्रिया का उपयोग करना पड़ता हे क्योकि कुदरत की प्रक्रिया हे उसकी जो कोई क्रिया हे उसको रोकना हो तो तामसिक क्रिया का सहारा लेना पड़ता हे,ये गुप्त क्रिया हे और इस क्रिया का जिक्र आपको किसीसे नहीं करना हे,आज में आपको बारिश बंध करने का शक्तिशाली मंत्र लेकर आया हु जिसका प्रयोग करके आप बारिश को आसानी से बंध कर सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे बारिश बंध करने का मंत्र कैसे सिद्ध होता हे और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
ॐ नमो भगवती रुद्राय जल असमली सहती ठं ठं ठं ठं स्वाहा ।
विधि विधान
इस मंत्र की सिद्धि स्मशान में होगी और साधना ११ दिन में सिद्ध होगी,काले कपडे पहेनना हे और आसन भी काले रंग का रखना हे,काली हकिक की माला का प्रयोग करना हे,सामने चारमुखी दीपक प्रज्वलित करना हे और उपर्युक्त मंत्र की एक माला करना हे और फिर घर वापस आने वक्त आपको पीछे मुड़कर नहीं देखना हे,ये क्रिया साधक को ११ दिन तक करनी हे,११ दिन तक पूर्ण श्रद्धा और विस्वास के साथ साधना करोगे तो उपर्युक्त मंत्र सिद्ध हो जायेगा,
ये एक तामसिक क्रिया हे जो कुदरत की देंन हे कुदरती प्रक्रिया हे उसके खिलाफ नहीं जाना चाहिए अगर उसके खिलाफ जाने की कोशिश करोगे तो जरुर आपका ही बुरा होगा ये प्रयोग सिर्फ में साधक मित्रो के ज्ञान हेतु दे रहा हु इसका सिर्फ आपको ज्ञान ही रखना हे,
प्रयोग
एक ईंट पर मंत्र पढ़कर उस पर मरघट से लाये हुए कोयले जलाये और ईंट ऊपर रखे तो बारिश फौरन बंद हो जाये।
इस तरह आप बारिश बंध करने का मंत्र का प्रयोग करके बारिश को बंध कर सकते हो.
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