माता बगलामुखी का रक्षास्त्रोत हर आनेवाली बाधा से बचाता हे, साधक के घोर दारिद्रय का नाश करता है।
जब कोई साधक साधना करना चाहता हो और उसके पास कोई देह रक्षा मंत्र या रक्षा मंत्र न हो वो साधक इस बगलामुखी रक्षास्त्रोत का उपयोग करके सुरक्षा घेरा बना सकता हे जिससे आनेवाली बाधा से साधक बच सकता हे,
बगलामुखी का रक्षास्त्रोत
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीमद्भगवतो महापुरूषस्य विष्णोरा-ज्ञया प्रवर्तमानस्य।
अद्य श्री ब्रह्माणोऽहि द्वितीयपराधे श्रीश्वेतवाराहकल्पे भरतखण्डे भारतवर्षे
आर्यावर्तके देशान्तर्गते अमुकक्षेत्रे आनन्दवने गौरीमुखें त्रिकण्टकविराजिते।
भागीरथ्याः पश्चिम तीरे विक्रमशके बौद्धावतारे षष्टयव्दानां मध्ये।
अमुकसंवत्सरे अमुकायने अमुकऋतौ महामाङ्गल्यप्रदेश मासोत्तमासे अमुकमासे
अमुकपक्षे अमुकतिथो अमुकवासरे अमुकनक्षत्रे अमुकयोगे अमुककरणे।
अमुकराशिस्थिते चन्द्रे अमुकराशिस्थिते श्रीसूर्ये अमुकराशि- स्थिते देवगुरौशेषेषु ग्रहेषु यथा यथा राशिस्थान स्थितेषु सत्सु एवं ग्रह-गुण गण विशेषण
विशिष्टायां शुभपुण्यतिथौ अमुकगोत्रः अमुकशर्माऽहं अमुकवर्माऽहम्।
अमुकगुप्तोऽहम् ममात्मनः श्रुति स्मृति पुराणोक्तफल-प्राप्त्यर्थ मम सकुटुम्बस्य
सपरिवारस्य दीर्घायु रारोग्यैश्वर्यादिवृद्-ध्यर्थ समस्तकामना साँसद्धयर्थं इह
जन्मनि जन्मान्तरे वा सकलदुरितो-पशमनार्थ तथा अखिल आधि व्याधि जरा।
पीड़ा मृत्यु परिहारार्थ मम-सर्व रोग, कष्ट, शत्रु विनाशाये जन्मराशेः सकाशाद्य।
केचिद्विरूद्ध चतुर्थाष्टम द्वादशस्थानस्थिताः क्रूरग्रहास्तैः संसूचितं सूचयिष्यमाणं
च यत्सर्वारिष्टं तद्विनाशद्वारा एकादशस्थानस्थित वच्छुभफलप्राप्त्यर्थ पुत्रपौत्रादि।
सन्ततेरविच्छिन्नाभि-वृद्धयर्थ आदित्यादि, नवग्रहानुकूलता, सिद्धयर्थं
आध्यात्मिक आधिदैविक आधिभौतिक विविधतापोपशमनार्थ धर्मार्थ काममोक्ष
चतुर्विध पुरूषार्थ सिद्धयर्थ श्रीबगलामुखी रक्षा स्तोत्रम् पठनमहं करिष्ये।
सिद्धि
पहले ऊपर दिए गई रक्षा स्त्रोत को सिद्ध कर ले सिद्ध करने के लिए साधक हल्दी की माला से उपर्युक्त रक्षा स्त्रोत का एक माला जाप करे,११ दिन तक उपर्युक्त स्त्रोत का जाप करने से स्त्रोत सिद्ध हो जायेगा,साधना के दरमियाँन साधक का आसन पीले रंग का रखे और वस्त्र भी पीले रंग के ही रखे,
बगलामुखी का रक्षास्त्रोत की साधना जब चल रही हो तब कुवारी कन्या को कुछ दान करे या उसको भोजन कराये और माता बगलामुखी के मंदिर में जाकर माता को पीले रंग के कोई भी फुल अर्पित करे और हो सके तो माता बगलामुखी को पीले रंग की कोई भी मिठाई का भोग माता को अर्पित करे.
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