माता मेलडी का पूजन और सिद्धि ज्यादातर गुजरात में होती हे पर उज्जैन,बंगाल और कामरूप में भी माता मेलडी की सिद्धि होती हे,मेलडी माता के कई सारे प्रकार हे और इसकी सिद्धि सात्विक और तामसिक रूप से की जाती हे,इस मंत्र से माता मेलडी को जागृत किया जाता हे,
मेने यहाँ जो मंत्र डाला हे वो मंत्र गुजराती हे इसलिए जिसको साधना करनी हो वो शब्द में बिलकुल फेरफार न करे क्योकि अगर शब्द में भूल आ गयी तो माता मेलडी जागृत नहीं होगी,
तो चलिए इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे की मेलडी को जागृत कैसे किया जाता हे उसका पूरा विधि विधान मेने इस पोस्ट में डाला हे.
मेलडी को जागृत करने का मंत्र
चंडी चंडी महाचंडी,नवदुर्गा नवखंडी,
मल्हावरावना मोलवाली,उगता सूरजनी बेसनारी,
जाग जाग माँ मेलडी,न जागे तो निरंजन पुरुषनी दुहाई फरे बालनाथ अंगुठियानी समस्या फरे!!
मंत्र को सिद्ध करने का विधि विधान
ये मंत्र को सिद्ध करने के लिए कही बहार जाने की आवश्यकता नहीं हे साधक इस मंत्र की सिद्धि अपने घर में ही कर सकता हे,एक बाजोठ लेकर उस पर लाल कपडा बीचा दे और उसके ऊपर माता मेलडी की प्रतिमा स्थापित कर दे,सुबह उठकर स्वच्छ और स्नानादिक होकर ही ये क्रिया करे,
माता मेलडी को स्थापित करे तब माता को सात्विक भोग लगाये और एक फुलहार की माला भी अर्पित करे,ये साधना ३७ दिन की हे,सुबह और शाम उपर्युक्त मंत्र की ५ माला करे माला करने का टाइम एक ही रखे हररोज, साधना के दरमियान ब्रह्मचर्य पालन करे और जमीन पे ही सो जाये जहा आप साधना करते हो साधना में साधक रुद्राक्ष की माला या लाल चन्दन की माला का प्रयोग कर सकता हे,
साधना के दरमियान गरीब बच्चो को कुछ दान करे,अगर आपकी इष्ट देव मेलडी हे तो ११ दिन के अन्दर आपको अनुभव देखने को मिल जायेगा पर साधना पूरी ही करे अनुभव मिलने पर साधना को बिच में न छोड़ दे,
इस तरह साधक मेलडी को जागृत कर सकता हे और उनसे काम करवा सकता हे.
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