आप अपनी राशी अनुसार मंत्र का जाप करोगे तो जरुर आपको फायदा होगा,आज में यहाँ पोस्ट के जरिये राशी मंत्र लेकर आया हु,आप हमारे दिए गई राशी मंत्र का जाप करके फायदा उठा सकते हो,
तो चलिए विस्तार से जानते हे राशी मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए और उसका विधि विधान क्या हे उसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हे,
मंत्र
धुन लगी जब गिरधारी लाल
कन्या राशि फिरे सत की दास
देव चले स्वर्ग लोक धाम
पृथ्वी लोक पर मिले कृष्ण मुरारी लाल
कन्या राशि जन्मा बालक
पड़े छाया कृष्णा अवतारक
भेष बदलकर आये प्रभु
दें आशीर्वाद कन्या राशि बालक को
हुआ वरदान कन्या राशि बालक का कल्याण
जो पूजे कृष्णा अवतारि धाम
उसके बन जाय बिगड़े काम
जय जय कृष्ण मुरारी धाम
इति सिद्धम्!!
इस मन्त्र वाले को कृष्णा की पूजा करनी चाहिए और कन्या राशि में जो जन्मा हो उसे कृष्ण भगवान की पूजा करनी चाहिए उसके जन्म के जीवन के कृष्ण भगवान की पूजा अनिवार्य है और इस मन्त्र का मनन अनिवार्य है।
तुला
निर्भय होकर जगत नर जीता है।
प्रभु जिसको दे आशीर्वाद वह पार हो जाता है
शिवजी की महिमा अपम्पार
नर नारी को दे आशीर्वाद
हो जाय बेडा पार
तुला में जन्मा मनुष्य युग में भ्रम निसार
लख चौरासी योनी भ्रम गण धार
शिव का आशीर्वाद नर बना
पृथ्वी लोक पर दरबार बना
सत का जीव बने सतवीर
जो धावे प्रभु शिव को
बन जाय रणधीर
तुला राशि में जो जन्मा
उसके लिए प्रभु शिव पढ़े कलमा
पूर्ण हो जायका
जय जय शिव धाम!!
प्रभु शिव की पूजा करे और इस मन्त्र का मनन करें तुला राशि वाले इस मन्त्र को भोज पत्र पर लिख कर अपने साथ रखे और सम्पूर्ण जीवन मनन करें। यह मन्त्र तुला राशि के लिए जीवन प्राण है और प्रभु शिव तुला राशि के भगवान है।
धनु
मनुष्य की काया धर्म का बीज बोया
उगा कर शिव जी धरती पर लाया
मान बढ़ाकर मनुष्य को पृथ्वी लोक में आया
धर्म की लाज रखने धर्म पुत्र आया
परमेश्वर की इच्छा से भरमाया
धनु राशि में जीव आया
शिव राखे लाज धर्म पुत्र के काज
सपुत की राखे लाज धर्म के सुधरे काज
धनु राशि का होआ सन्देशा
मनुष्य बन धर्म का वासा
शिव करे काज धर्म आस
राखे जो नर तर जाये
जो शिवजी की पूजा करे नित्य नित्य घर में आवे
इति सिद्धम्!!
यह मन्त्र धनु राशि वालों के लिए है जो भी करेगा वह सम्पूर्ण कार्य होंगे और शिवजी धनु राशि के देव होंगे। इस मन्त्र को सदैव मनन करें। धनु राशि वाला मनुष्य सम्पूर्ण सुख सम्पत्ति से भरपूर हो जाय।
मकर
मंत्र
सत की बांधी से परे न कोय
जगत में मनुष्य बन कर रोये
दुख भोगे कर्मों का दुखा खाये
शिवजी का नाम ले तर जाये
मकर का ध्वज मनुष्य पर पड़ जाय
पूर्णमासी को शिवजी घर पर आये
पूर्ण हो काम मनुष्य तर जाये
धर्म अपना घर धरती लोक पर बनाये
मनुष्य कर्म बन्धन से छुटकारा पाये
इच्छा पूर्ण हो मकर ध्वज बन जाय
जो शिव की पूजा करे धर्म का बन जाय
जय शिव धाम
इति सिद्धम्!!
मकर राशि वालों के लिए यह मन्त्र अनिवार्य है। यह मन्त्र पूर्णमासी के दिन करना है 108 बार और बाकी सम्पूर्ण जीवन मकर राशि वालों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस मन्त्र के मनन करने से मकर राशि का मनुष्य नर या नारी सम्पूर्ण सुख भोगेंगे। सब कार्य पूर्ण होंगे। इस मन्त्र में शिव, मकर राशि वालों के लिए प्रभु है।
वृश्चिक
पुण्य की जड़ हो जाय हरी
सत्य की नाव बहे भरी भरी
गंगा जी की फुहार चले ठंडी भरी
उत्तर से आये दक्षिण में चली जाय
का भ्रम मिटाया जाय
वृश्चिक जहा गंगा तट पर बैठ जाय.
पुण्य का द्वीप जलकर शान्ति धाम पाये
लगाकर आसन नर नारी बैठे
बिगड़े काम सुधर जाय
वृश्चिक राशि में जन्मा हो बेडा पार हो जाय
गंगा जी पर जाकर गंगा जी में नहाये
गुँऊवे को घास खुवाये
सीधा घर लौट कर आये
इति सिद्धम्!!
यह मन्त्र गंगा जी का है वृश्चिक राशि वाले नर नारी इस मन्त्र का मनन करें और गंगा जी को देवी शक्ति माने और इस मन्त्र का आजीवन मनन करें। इस ग्रह का लाभ और कोई ग्रह ऊपर हवा या कोई भी जंजाल परेशान नहीं करेगा।
सिंह
श्री सिंह राशि का हुआ प्रकाशा
नित्य नित्य करे प्रकाशा
नीर भरे सतवासा
कर्म करें सात्विका
पूर्ण हो धर्म विका
धर्म की गाँठ खुले हो जाय सतमास
फूलों की झड़ी लगी करने लगी पुकार
कहाँ गये कृष्णा मुरारी भगवान
कोई योगी कहें कोई कहे भगवान
सिंह राशि जिसकी पड़ती हो जाय काम
जो भी कृष्णा जी को भजे
सिंह राशि से उत्तेजित ग्रह हटे
सत की नाव जिसकी बहे मिथुन
वह नर अजय अमर हो जाय
पूजा करे श्री कृष्णा की मन्त्र मनन हो जाय
बिगड़े काम सुधरे ग्रह शान्त हो जाय
इति सिद्धम्!!
इस मन्त्र का मनन करने वाले सिंह राशि वाले होने चाहिए और कृष्णा की पूजा करनी चाहिए सिंह राशि वालों के लिए कृष्णा की पूजा करनी है। वह ही उनके देव हैं। मनन करना है। सब ग्रह शान्त हो जायेंगे। सम्पूर्ण जीवन जो मनन करेगा प्रभु सब प्राप्त करा देगें।
इस तरह साधक राशी मंत्र का जाप करके अपने जीवन में आनेवाली सब परेशानियों को दूर कर सकते हो.
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