ये मंत्र गुरु गोरखनाथ का बहुत ही तीव्र और शक्तिशाली मंत्र हे,इस मंत्र की सिद्धि से साधक भुत-प्रेत,डाकिनी-शाकिनी,जिन्न-जिन्नात,खविस सबको आसानी से निकल सकता हे,सर्व सिद्ध शाबर मंत्र का उपयोग साधक जनकल्याण और जनहित के कार्यो के लिए कर सकता हे,
साधक इसका उपयोग दुसरे के भलाई के लिए कर सकता हे अगर आप खुद गद्दी चलाते हो और आपके पास एसे रोगी आये तो आप इसका इलाज इस मंत्र से आसानी से कर सकते हो क्योकि ये मंत्र स्वयं सिद्ध और शाबर मंत्र हे और तीव्र गति से काम करता हे,
मंत्र
ॐ सतनाम आदेश गुरु को,आदेश पावन पाणी को,
नाद अनाइद दुदुम्भी बाजे,जहा बैली जोगमाया साजे,
चौसठ योगिनी बावन वीर,बालक की हरे सब पीड़ा,
आगे जात शीतला जानिये,बंध बंध बारे जाय मसान,
भुत बंध प्रेत बंध छल बंध छिद्र बंध,सबको मारकर भस्म कर,
सतनाम आदेश गुरु को!!
विधि
सर्व सिद्ध शाबर मंत्र की सिद्धि ज्यादातर ग्रहण, होली या दीपावली के दिन होती हे,ये साधना एक दिवसीय साधना हे साधक एक दिन में ही उपर्युक्त मंत्र को सिद्ध कर सकता हे,
साधना से पूर्व स्वच्छ और स्नानादिक होकर गुरु गोरखनाथ का स्मरण करे उसको सात किस्म की मिठाई का भोग धरे,फिर गूगल का धुप करके गोरखनाथ को अपनी साधना में सफलता मिले ऐसी प्रार्थना करे, साधना से पूर्व साधक गणेशजी का और अपने कुलदेवता का भी संक्षिप्त पूजन कर सकता हे,फिर उपर्युक्त मंत्र की रात ११ बजे से शुरू करके सुबह के ४ बजे तक माला करते रहे, जितने ज्यादा जाप करोगे इतना मंत्र शक्तिशाली रहेगा,ये एक दिवसीय साधना हे एक दिन में ही साधक इस मंत्र को सिद्ध कर सकता हे,
प्रयोग
जब कोई रोगी को भुत प्रेत का छाया हो,डाकिनी शाकिनी का छाया हो या कोई महेली शक्ति का छाया हो तो इस मंत्र को २१ बार बोलके पानी को अभिमंत्रित करे और उस पानी को रोगी को पिला देने से भुत प्रेत या डाकिनी शाकिनी छाया तुरंत दूर हो जायेगा,
इस तरह साधक सर्व सिद्ध शाबर मंत्र को सिद्ध करके हर कार्य को आसानी से कर सकता हे.
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