Bhut bhairav की साधना बहुत ही तीव्र और शक्तिशाली साधना हे,भुत भैरव की साधना करना कोई आसान बात नहीं हे जिस तांत्रिक के पास कोई सिद्धि हे या उसने कोई भी साधना की हे वो साधक ही भुत भैरव की साधना कर सकता हे,
भुत भैरव की साधना स्मशान या किसी खंडहर जगह पर की जाती हे जिसके पास तांत्रिक साधना हे वो साधक ही भुत भैरव की साधना अकेला कर सकता हे और जिसके पास कोई सिद्धि नहीं हे वो साधक गुरु के सानिध्य में ये साधना कर सकता हे क्योकि ये साधना तामसिक साधना हे,
मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु का काल भूत कंकाल भूत भैरव भूत जिंन्न भूत चल चल सातवें आसमान से चल 21 ब्रह्मांड से चल ना चले तो तख्त सुलेमान की दुहाई मेरी चाही वस्तु ला कर मुझे प्रदान कर नहीं करे तो बाबा आदम माँ हव्वा की दुहाई इतने पर भी मेरे काम में देरी करें तो भूत भैरव धोबी की नंद चमार की कुंडी में और भंगी के नरक कुंड में सदा के लिए तेरा वास हो शब्द सांचा पिंड काचा चलो मंत्र गुरु गोरखनाथ वाचा दुहाई शीव गौरा पार्वती की!
विधि
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए ४१ दिन की साधना करे और ४१ दिन की साधना के बिच जितने भी मंगलवार आये उसका उपवास करे,काले हकिक की माला या रुद्राक्ष की माला से उपर्युक्त मंत्र की ११ माला करे और साधना में काला आसन का इस्तेमाल करे,साधक का मुख पूर्व दिशा की तरफ रहेगा और वस्त्र काले रंग के रहेंगे,साधना के बिच जितने मंगलवार आते हे उस मंगलवार के दिन भुत भैरव को दारू की बोतल और बकरे की कलेजी अर्पित करे,
साधना के दरमियाँन गूगल का धुप और चमेली के तेल का दीपक प्रज्वलित करे और हो सके तो साधना स्थल पर सुगन्धित इत्र का छिडकाव करे साधना के आखरी दिन भुत भैरव को भोग में दारू की बोतल और कलेजी अर्पित करे जब भैरव बाबा प्रगट होकर सामने आये तब भैरव बाबा को वचन में बाँध ले ताकि भैरव बाबा साधक के हर कार्य कर देगा,
Bhut bhairav की सिद्धि हो जाने के बाद भैरव बाबा वशीकरण,शंतिकरण,मारण,मोहन जेसे कार्य चुटकी में कर सकता हे एक बार सिद्धि मिलने के बाद साधक को साल में एकबार सिद्धि करनी जरुरी हे जब नरक चतुर्दशी आये तब फिर से भैरव बाबा की सिद्धि कर लेनी चाहिए ताकि मंत्र जागृत रहे और गलत काम के लिए भैरव बाबा को कभी ना भेजे.
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