karya siddh shabar mantra

                            karya siddh shabar mantra  ज्यदातार रक्षा या चोकी बाँधने के काम में लिया जाता हे साधना से पूर्व इस मंत्र से चौकी या रक्षा कर सकते हे।

साधना के दरमियान साधक को कई प्रकार के अनुभव होते हे विचित्र प्रकार के भी अनुभव होते हे, जिस शक्ति की साधना करते हे वो कभी कभी साधक को डराने की भी कोशिश करती हे,इन सब बाधा से निपटने के लिए रक्षा मंत्र रामबाण इलाज हे।

karya siddh shabar mantra

मंत्र

ॐ नमो आदेश गुरु को , ईश्वरी वाचा।

अजरी बजरी बाड़ा बज्जरी, मैं बज्जरी बांधा बशो दुबार ध्वा ।

और के धालों, तो पलट हनुमन्त वीर उसी को मारे।

पहली चौकी गणपति की , दूसरी  चौकी हनुमन्त वीर की, तीसरी चोकी में भैरव चौथी चौकी देह, रक्षा करन कों आवें श्री नरसिंह देव जी की।

शब्द सांचा, पिण्ड कांचा, चले मन्त्र ईश्वरी  वाचा।

साधना:-

उपर्युक्त karya siddh shabar mantra हर कार्य करने की क्षमता रखता हे इसे सिद्ध करने के लिए किसी भी शनिवार के दिन ११ माला करे ये विधि लगातार २१ दिन तक करे।

प्रयोग-१

घर  बाहर, देश परदेश, जंगल या श्मशान में, जहाँ कहीं भी रहें, इस शाबर मंत्र को पढ़कर बैठे या रात में सो जाएँ, तो विर्षले जीव, हिंसक जीव, वध करने वाले, लूटने वाले अथवा कोई आपघात करने वाले दूर ही खड़े रहेंगे, देह को स्पर्श नहीं कर सकेंगे।मन्त्र को पढ़ते हुए अपने चारों ओर रेखा खींच ले या जल छिड़क ले, तो ‘सुरक्षा-कवच’ बन जाता है।

प्रयोग-२

यदि  कोई व्यक्ति किसी व्याधि से पीड़ित  हो, पीड़ा मारे छटपटा रहा हो अथवा अज्ञात कारणों से उसका शरीर अकड़ने लगे, मूर्छा आ जाए,  तो इस मन्त्र द्वारा झाड़ देने पर वह व्यक्ति पूर्ण स्वस्थ, प्रसन्न हो जाता है।किसी भी व्यक्ति को कोई महा बीमारी लगी हो तो उपर्युक्त शाबर मंत्र से ७ बार जल को अभिमंत्रित कर ले और रोगी को पिला दे व्यक्ति ठीक हो जायेगा।

प्रयोग-३

यदि किसी घर में धन, सन्तान, पशु की वृद्धि न होती हो, कोई-न-कोई आधि-व्याधि लगी रहती हो और लोग उसे अशुभ मानकर  छोड़ने  के  लिए तैयार हों, तो उस घर में जितने द्वार हों,  उतने को लोहे के कील और एक मुट्ठी उड़द की व्यवस्था करे। कीलों और उड़द के दानों को अलग-अलग उपर्युक्त मन्त्र द्वारा अभिमन्त्रित कर ले । फिर मन्त्र पढ़ते हुए सबसे भीतरी कमरे में प्रवेश करे  और यही मन्त्र पढ़ते हुए उड़द के दाने फेंकते हुए कमरे  के बाहर निकल आए तथा उसकी चौखट पर एक लोहे की कील इसी मन्त्र को पढ़ते हुए गाड़ दे इसी प्रकार क्रमशः  प्रत्येक  कमरे  के भीतर  जाकर उड़द फेंकते हुए बाहर आकर उसकी चौखट पर कील गाड़ते हुए घर के बाहर आकर मुख्य द्वार में भी पूर्व-वत् कील ठोंक दे। आंगन  पोर बरामदों में केवल उड़द के दाने बिखेरने चाहिए। मात्र इतनी क्रिया से घर के ग्रह-दोष सदा के लिए दूर हो जाते हैं।

                           karya siddh shabar mantra को ग्रहण काल या नरक चतुर्दशी के दिन ५१ माला करे ताकी मंत्र जागृत रहे।

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